शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में सभी नियमों को दरकिनार कर हों रही है भर्ती जिम्मेदार कुलपती

शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में सभी नियमों को दरकिनार कर  हों रही है भर्ती जिम्मेदार कुलपती

कुलपति द्वारा 2 जून 2025 को विश्वविद्यालय में आयोजित की गई प्रेस वार्ता में चयनित अभ्यर्थियों को सामने लाकर और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों, विभागाध्यक्षों और नियमित शिक्षकों को जो चयन समिति पैनल में सम्मिलित भी हुए हैं, को प्रेस मीडिया के सामने लाकर अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि भर्ती में हुई गड़बड़ियों की समस्त जिम्मेदारी कुलपति की है। शैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए जाने के बाद अभ्यर्थियों से प्राप्त आवेदनों की जांच करने के लिए विषयवार गठित की गई स्क्रुटनी समिति और साक्षात्कार के लिए गठित की गई चयन समिति के अध्यक्ष स्वयं कुलपति होते हैं। साथ ही कुलपति कार्यपरिषद के भी अध्यक्ष होते हैं। कुलपति द्वारा भर्ती संबंधी विज्ञापन जारी होने के बाद एवं ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद कुलपति कार्यालय में कार्य कर रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों, विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षकों/विभागाध्यक्षों एवं उप ग्रंथपाल से भर्ती संबंधी समस्त कार्य कराया गया है। अक्टूबर, 2024 में तत्कालीन कुलसचिव को हटाए जाने के बाद नवपदस्थ कुलसचिव को भर्ती प्रक्रिया से पृथक रखा गया है। कुलसचिव से भर्ती के संबंध में किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं कराई जा रही है। नवपदस्थ कुलसचिव से कार्यपरिषद की बैठक में सचिव के तौर पर कार्य करने, बैठक का कार्यवाही विवरण जारी करने और केवल नियुक्ति आदेश जारी करवाया गया है।  कुलपति ने कहा है कि यूजीसी रेगुलेशन 2018 का पालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। कुलपति ने यह भी कहा है कि विश्वविद्यालय की भर्ती में छत्तीसगढ़ शासन के नियम लागू नहीं होते हैं, जबकि विश्वविद्यालय द्वारा 59 शैक्षणिक पदों पर भर्ती हेतु जारी विज्ञापन में छत्तीसगढ़ शासन के आरक्षण नियम, रोस्टर, आयु सीमा में छूट, परिवीक्षा अवधि, पेंशन आदि के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के नियमों का हवाला दिया गया है। साथ ही चयनित अभ्यर्थियों को दिए गए नियुक्ति आदेश में भी छत्तीसगढ़ शासन के परिवीक्षा अवधि संबंधी निर्देश और पेंशन योजना से संबंधित छत्तीसगढ़ शासन के आदेश/निर्देश का हवाला दिया गया है। क्योंकि बस्तर विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक राजकीय विश्वविद्यालय है, जो छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के अंतर्गत अधिनियमित किया गया है। विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ शासन से स्थापना अनुदान आदि प्राप्त होता है। इसलिए छत्तीसगढ़ शासन के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।