ओडिशा के डिप्टी रेंजर के ठिकानों पर विजिलेंस का छापा, डेढ़ करोड़ नकद व सोना-चांदी जब्त, बस्तर कनेक्शन भी उजागर

जगदलपुर। बस्तर से सटे ओडिशा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है, जिसने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया है। रविवार सुबह ओडिशा सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर रामचंद्र नेपक के 6 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। इस कार्रवाई में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नकद, कीमती सोने-चांदी के आभूषण, और अन्य संपत्तियां बरामद की गई हैं। फिलहाल यह छापेमारी अन्य अधिकारियों के लिए कड़ी चेतावनी मानी जा रही है और आने वाले दिनों में यह मामला राज्य स्तर पर बड़ी जांच का कारण बन सकता है।सूत्रों के अनुसार, छापेमारी की यह कार्रवाई ओडिशा के जयपुर, भुवनेश्वर समेत 6 अलग-अलग स्थानों पर की गई। जयपुर स्थित गोल्डन हाइट्स अपार्टमेंट से सबसे ज्यादा नगदी और कीमती सामान जब्त किया गया है। कार्रवाई का नेतृत्व विजिलेंस एसपी रवींद्र कुमार पांडा कर रहे हैं। शाम तक तलाशी अभियान जारी रहा। डिप्टी रेंजर रामचंद्र नेपक पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया है। विजिलेंस विभाग को उनके खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। बरामद संपत्ति का मूल्यांकन फिलहाल जारी है, लेकिन शुरुआती आकलन में ही यह आंकड़ा कई करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।यह मामला बस्तर के लिहाज से भी बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि रामचंद्र नेपक का कार्यक्षेत्र बस्तर सीमा से सटे माचकोट-तिरिया इलाके में रहा है। यह इलाका ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है और लकड़ी तस्करी के लिए कुख्यात माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ओडिशा के जंगलों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो चुकी है और अब लकड़ी माफिया बस्तर की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि क्या ओडिशा के कुछ वन अधिकारी इन तस्करों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं? बस्तर के घने जंगलों में भी लगातार अवैध कटाई की शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन जिम्मेदार एजेंसियों की कार्रवाई बेहद सीमित रही है। ओडिशा विजिलेंस की इस बड़ी कार्रवाई ने अब वन विभाग के भीतर फैले भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।