छत्तीसगढ़ में हर दिन 2 मर्डर, 7 रेप, 20 चोरी: सदन में पेश हुए चौकाने वाले आंकड़े...

विधानसभा सत्र के दौरान राज्य में अपराध के भयावह आंकड़े सामने आए हैं। जनवरी 2023 से 15 जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में औसतन हर दिन दो से ज्यादा हत्या, सात से ज्यादा बलात्कार, बीस से ज्यादा चोरियां और एक से अधिक लूट की घटनाएं हुई हैं। यही नहीं, हर दिन औसतन आठ अपहरण के मामले भी दर्ज हुए हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन अपराधों में आरोपियों की गिरफ्तारी बेहद कम हुई है।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
विधायक देवेंद्र यादव और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा में अपराध और गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाए। जवाब में सामने आए आंकड़ों ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में अपराधियों को खुला संरक्षण मिल रहा है, जिससे गिरफ्तारी की दर गिर गई है।
देवेंद्र यादव ने कहा कि सरकार की नाक के नीचे अपराध बढ़ते जा रहे हैं और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की कोई जवाबदेही नहीं है?रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपराध के भयावाह आंकड़े देखने को मिले है। विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब के विश्लेषण में जानकारी मिली है कि पिछले ढाई साल में छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन दो से ज्यादा मर्डर 7 से ज्यादा रेप 20 से ज्यादा चोरियां और एक से ज्यादा लूट हो रहे हैं। यह आकंड़े जनवरी 2023 से 15 जून 2025 तक के हैं। वही कार्यवाही और अपराधियों को पकड़ने की बात करें तो अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है।
पिछले ढाई सालों में 902 दिनों में प्रदेश के 33 जिलों में 2478 मर्डर,1009 लूटमार और 7152 रेप हुए हैं। आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो , हर दिन का रेशियों दो से ज्यादा मर्डर, सात से ज्यादा रेप,एक से ज्यादा लूट,बीस चोरियां हुई हैं। अपहरण के भी ढाई सालों में 7826 मामले सामने आए हैं। अपहरण का विश्लेषण करें तो 8 से ज्यादा अपहरण प्रतिदिन हुए हैं। वहीं गिरफ्तारी के मामले में पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है।
देखें पांचों संभाग मुख्यालयो में जनवरी 23 से 15 जून 2025 तक दर्ज प्रकरण और गिरफ्तारी के आंकड़े
रायपुर में जनवरी 2023 से 15 जून 2025 तक 3776 चोरी, 195 लूटमार,181 हत्या,580 बलात्कार,8 गोलीबारियां हुई हैं। इन अपराधों में 4740 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। जिसमें मात्र 1542 प्रकरणों में आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। दर्ज प्रकरणों में गिरफ्तारी आधे अपराधियों की भी नहीं हुई। केवल एक तिहाई आरोपी ही रायपुर पुलिस गिरफ्तार कर पाई है।
प्रदेश के दूसरे महत्वपूर्ण जिले न्यायधानी बिलासपुर में जनवरी 2023 से 15 जून 2025 तक 2166 चोरी,119 लूटमार,136 हत्या,611 बलात्कार और तीन गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं। जिसमें 3035 एफआईआर दर्ज़ की गई है। गिरफ्तारियां लगभग आधे आरोपियों की हुई है। कुल 1458 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
दुर्ग जिले में 2028 चोरी,123 लूटमार,121 हत्या,369 बलात्कार तीन गोलीबारी की घटनाएं उक्त समयावधि में हुई है। जिस पर 2644 एफआईआर दर्ज किए गए है। जिस पर आधे भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो पाए हैं। 1077 प्रकरण के आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है।
ऊर्जा नगरी माने जाने वाले कोरबा जिले मे 1044 चोरी,55 लूटमार,112 हत्या,376 बलात्कार और चार गोलीबारी हुई है। जिसमें 1591 अपराध दर्ज किए गए है और लगभग आधे प्रकरणों में (767 प्रकरण) में आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है।
इंडस्ट्रियल जिला रायगढ़ में 1117 चोरियां 53 लूटमार,153 हत्या, 336 बलात्कार हुए हैं। रायगढ़ जिले में एक भी गोलीबारी इस समय अवधि में नहीं हुई है। 1659 प्रकरण दर्ज किए गए हैं जिसमें 823 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।
सरगुजा संभाग मुख्यालय सरगुजा जिले में 917 चोरियां,38 लूटमार,143 हत्या, 371 बलात्कार हुए हैं। गोलीबारी का कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। जिसमें 1469 प्रकरण दर्ज किए गए और लगभग आधे 759 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई हैं।
बस्तर संभाग मुख्यालय के जिले जगदलपुर में 257 चोरियां,28 लूटमार,53 हत्या,237 बलात्कार और एक गोलीबारी हुई है। पिछले ढाई सालों में 576 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। हालांकि अन्य जिलों से इतर जगदलपुर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी में उल्लेखनीय काम किया है। कुल 576 में 448 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारियां की गई है।
क्या कहता है विपक्ष?
विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह सीधे तौर पर जनता की सुरक्षा से जुड़ा मामला है और भाजपा सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में फेल हो चुकी है।
अब आगे क्या?
अपराध के बढ़ते ग्राफ और गिरती गिरफ्तारी दर को देखते हुए अब सवाल यह है कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस पर क्या ठोस कदम उठाएंगे। क्या छत्तीसगढ़ में कानून का डर अपराधियों पर कायम रहेगा या अपराध यूं ही फलते-फूलते रहेंगे?