महज 5 डिसमिल जमीन और कुछ पैसों के लालच में विश्वासघात और पारिवारिक विद्रूपता का भयानक उदाहरण

रायगढ़ जिले में एक सनसनीखेज हत्याकांड का पुलिस ने 72 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है। थाना छाल के ग्राम कीदा में महिला और उसके दो मासूम बच्चों की हत्या के मामले में महिला का पति ही मास्टरमाइंड निकला, जिसने महज 5 डिसमिल जमीन और कुछ पैसों के लालच में अपने दोस्त से हत्या करवाई।
22 मई को ग्राम कीदा के सरपंच सीताराम राठिया ने छाल थाना को सूचना दी कि महेंद्र साहू के घर से तेज बदबू आ रही है। पुलिस टीम ने जब दरवाजा तोड़ा तो सुकांति साहू (35), बेटा युगल (15) और बेटी प्राची (12) के सड़े-गले शव खाट पर पड़े मिले। तीनों के शरीर पर धारदार हथियार के घाव थे।
पुलिस को पति पर शुरू से था शक
जांच के दौरान मृतका के पति महेंद्र साहू (43) पर संदेह गहराया। उसके पारिवारिक झगड़ों, पत्नी से मारपीट और दोस्तों के साथ शराब पार्टी की शिकायतें पहले से थीं। पुलिस की सख्त पूछताछ में महेंद्र और उसका मित्र भागीरथी राठिया (35) टूट गए और उन्होंने पूरी साजिश कबूल कर ली।
रची गई थी पूरी पटकथा
महेंद्र ने अपने दोस्त को 5 डिसमिल जमीन और मुआवजे से कुछ राशि देने का वादा किया। पहले घर के दरवाजे की कुण्डी ढीली की गई, ताकि बाहर से बिना शोर के अंदर घुसा जा सके। महेंद्र जानबूझकर गांव से बाहर चला गया, ताकि संदेह न हो। रात में भागीरथी ने घर में घुसकर टांगी से महिला और दोनों बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी।
पुलिस ने टांगी और रॉड की बरामदगी की
आरोपियों के मेमोरेंडम पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त टांगी और दरवाजा ढीला करने के लिए उपयोग की गई लोहे की रॉड बरामद कर ली है। हत्या की गंभीरता को देखते हुए BNS की धारा 61(2), 3(5) भी आरोपियों पर जोड़ी गई है।
रेस्क्यू टीम और साइबर सेल का सराहनीय काम
इस जघन्य हत्याकांड के पर्दाफाश में 8 से अधिक टीमों ने बेहतरीन तालमेल के साथ कार्य किया। एसपी दिव्यांग कुमार पटेल के नेतृत्व में बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम, साइबर सेल, एफएसएल, और डॉग स्क्वाड की सक्रियता से यह तीन लोगों की निर्मम हत्या का मामला सुलझाया गया।
न्यायिक रिमांड पर भेजे गए आरोपी
महेंद्र साहू और भागीरथी राठिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि यह हत्या पूरी तरह से योजनाबद्ध और पूर्व नियोजित थी, और अपराधियों को जल्द ही सख्त सजा दिलाई जाएगी।
यह मामला केवल हत्या का नहीं, विश्वासघात और पारिवारिक विद्रूपता का भयानक उदाहरण है। रायगढ़ पुलिस की तत्परता और टीमवर्क ने एक बड़े अपराध की गुत्थी सुलझाई है, जिससे कानून व्यवस्था पर जनता का भरोसा और मजबूत हुआ है।