PMSMA: 30 हजार गर्भवती महिलाओं को लाभ, 9000 हाई रिस्क मामलों की पहचान

PMSMA: 30 हजार गर्भवती महिलाओं को लाभ, 9000 हाई रिस्क मामलों की पहचान

 छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत गर्भवती महिलाओं को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में हर माह 9 और 24 तारीख को नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका लाभ अब तक 30 हजार से अधिक महिलाओं को मिल चुका है। इनमें से 9000 से ज्यादा महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (HRP) के तहत चिन्हांकित कर विशेष इलाज दिया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार है और यह अभियान उसी दिशा में एक सशक्त कदम है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों की महिलाएं इससे लाभान्वित हो रही हैं।

मातृ मृत्यु दर में आई गिरावट
सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में मातृ मृत्यु दर (MMR) 2004-06 में 335 प्रति लाख जीवित जन्म थी, जो अब घटकर 132 पर आ गई है। हालांकि यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत (93) से अधिक है, लेकिन राज्य सरकार इसे और कम करने के लिए ठोस रणनीति पर काम कर रही है।

फील्ड में उतरे अफसर, 360 से ज्यादा सत्रों की निगरानी
अभियान की सघन निगरानी सुनिश्चित करने के लिए आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं, कलेक्टर और सीएमएचओ खुद फील्ड में उतरकर निरीक्षण कर रहे हैं। अब तक राज्य में 800 से ज्यादा PMSMA सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 360 सत्रों की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई।

क्या मिल रहा है PMSMA में?
    संपूर्ण प्रसवपूर्व जांच
    ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, अल्ट्रासाउंड, वजन जांच
    विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह
    पोषण और सुरक्षित प्रसव पर काउंसलिंग

सरकार की प्राथमिकता में मातृत्व स्वास्थ्य
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि मातृत्व स्वास्थ्य उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कोई भी गर्भवती महिला समय पर जांच और इलाज से वंचित न रहे। सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय औसत से कम मातृ मृत्यु दर वाला राज्य बनाया जाए।

यह अभियान अब केवल स्वास्थ्य सेवा नहीं बल्कि महिलाओं के लिए जीवन रक्षक पहल बन चुका है।