35 लाख की साइबर ठगी का शिकार हुआ सीमेंट प्लांट कर्मचारी

35 लाख की साइबर ठगी का शिकार हुआ सीमेंट प्लांट कर्मचारी

साइबर ठगों की तकनीकें लगातार विकसित हो रही हैं और अब वे पढ़े-लिखे, पेशेवर लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। बलौदाबाजार जिले के सोनाडीह स्थित न्यूवोको सीमेंट प्लांट में कार्यरत एक कर्मचारी 35 लाख 71 हजार रुपये की बड़ी ठगी का शिकार हुआ है। ठगों ने खुद को GBIC (गवर्निंग बॉडी ऑफ इंश्योरेंस काउंसिल) और आरबीआई अधिकारी बताकर इस शातिर धोखाधड़ी को अंजाम दिया।

कैसे की गई ठगी?
साल 2023 में पीड़ित कर्मचारी को अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों — जैसे कि भारतीय एक्सा, न्यू इंडिया इंश्योरेंस, श्रीराम लाइफ और एडेलवाइस टोक्यो — के नाम पर फर्जी प्रीमियम जमा करवाया गया। शुरुआत में करीब 3 लाख रुपये की राशि इन पॉलिसियों में निवेश करवाई गई, जो बाद में फर्जी निकलीं।

GBIC और RBI अधिकारी बनकर दोबारा जाल में फंसाया
पॉलिसी फर्जी होने की शिकायत के बाद ठगों ने अगला जाल बुना। खुद को GBIC और RBI अधिकारी बताने वाले दो व्यक्ति — डी.सी. चौधरी और शंकर लाल — ने पीड़ित से संपर्क किया। उन्होंने "क्लेम सेटलमेंट" और "पैसे वापसी" का झांसा दिया और अगस्त 2023 से मई 2025 के बीच लगातार 35 लाख से अधिक की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा ली।

अब तक नहीं मिली रकम, पीड़ित ने की शिकायत
पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि जनवरी 2025 से सिर्फ झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं और आज तक एक भी पैसा वापस नहीं हुआ। उन्होंने बलौदाबाजार सिटी कोतवाली में लेनदेन की ईमेल और बैंक डिटेल्स के साथ लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस की अपील: सतर्क रहें, ठगी से बचें
पुलिस ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही, आम जनता से अपील की गई है कि कोई भी इंश्योरेंस या रिफंड कॉल पर भरोसा न करें, और कोई भी ट्रांजैक्शन करने से पहले पुख्ता जानकारी और दस्तावेज जांच लें।

“अगर कोई खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पैसे मांगता है, तो उसकी पहचान जरूर जांचें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत साइबर सेल या नजदीकी पुलिस थाने को दें।” — पुलिस विभाग, बलौदाबाजार

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर अपराध अब केवल तकनीक की कमजोरी नहीं बल्कि मानव विश्वास को निशाना बना रहे हैं। जागरूक रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।