भूपेश की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

भूपेश की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

 छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। शराब, कोयला और महादेव सट्टा एप घोटाले में नाम सामने आने और बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए अग्रिम जमानत के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है।

गिरफ्तारी से बचने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बघेल
पूर्व सीएम ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि कोर्ट अग्रिम जमानत प्रदान करता है, तो वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित सभी जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग करेंगे। बघेल का कहना है कि राजनीतिक द्वेष के चलते उनके और उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने अपने पुत्र की गिरफ्तारी को इसका उदाहरण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगाने और जांच में सहयोग का अवसर देने की मांग की है।

बेटे की गिरफ्तारी का दिया हवाला
याचिका में उन्होंने लिखा है कि उनके बेटे चैतन्य बघेल को भी शराब घोटाले में कमीशनखोरी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया, जबकि ईडी की एफआईआर में उसका नाम तक नहीं है। पूर्व सीएम का आरोप है कि यह सब एक राजनीतिक साजिश के तहत हो रहा है ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके।

ईडी की रफ्तार और सियासी हलचल
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुए 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाले, कोल स्कैम, और महादेव सट्टा एप से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच में तेजी आने के बाद बघेल की याचिका को राजनीतिक संकेतों से जोड़कर देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि बघेल को जल्द ही ईडी के समन का सामना करना पड़ सकता है।


सियासी बयानबाजी तेज
पूर्व सीएम की इस याचिका ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। विपक्ष जहां इसे "चोरी और सीनाजोरी" बता रहा है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दे रही है।

अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं, जहां आज की सुनवाई यह तय करेगी कि भूपेश बघेल को गिरफ्तारी से राहत मिलेगी या उन्हें जांच एजेंसियों के सवालों का सामना करना होगा।

 पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले में हुई अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका (नं. 299) दायर की थी। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई पूरी हो गई।

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की डबल बेंच ने स्पष्ट किया कि
पहले याचिकाकर्ता को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए हाईकोर्ट जाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में सीधे याचिका दाखिल नहीं की जा सकती, जब तक अन्य विकल्प (जैसे हाईकोर्ट) का उपयोग नहीं किया गया हो।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील:
अभिषेक मनु सिंघवी,
कपिल सिब्बल, विवेक तनखा रहे।

कोर्ट ने कहा कि अगर गिरफ्तारी पर आपत्ति है, तो सबसे पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना जरूरी है। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की जा सकती है।