6500 दोषपूर्ण टैबलेट्स की खेप पर रोक, CGMSC ने दिखाई सतर्कता

6500 दोषपूर्ण टैबलेट्स की खेप पर रोक, CGMSC ने दिखाई सतर्कता

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने एक बड़ी चूक को समय रहते पकड़ते हुए 6500 दोषपूर्ण टैबलेट्स की खेप को स्टॉक में शामिल होने से पहले ही रोक दिया। यह खेप कोरबा स्थित वेयरहाउस में 29 जुलाई को पहुंची थी।

जानकारी के अनुसार, मेसर्स हेल्थी लाइफ फॉर्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आपूर्ति की गई कैल्शियम (एलिमेंटल) विद विटामिन D3 टैबलेट्स (500 एमजी) के 65 बॉक्स (कुल 6500 यूनिट) वेयरहाउस में भेजे गए थे। प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों ने पाया कि टैबलेट्स खोलते ही टूट रही थीं, जो गंभीर गुणवत्ता दोष माना गया।

मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता
CGMSC की "जीरो टॉलरेंस ऑन क्वॉलिटी" नीति के तहत दवा को तत्काल स्टॉक से बाहर रखा गया और मुख्यालय को इसकी सूचना दी गई। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को दी जाने वाली इस दवा की गुणवत्ता में कमी, मरीजों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती थी।

सप्लायर को वापस लेने का निर्देश
CGMSC ने सप्लायर कंपनी को निर्देश दिया है कि दोषपूर्ण बैच को तुरंत वापस लिया जाए और उसकी जगह नई और प्रमाणित खेप भेजी जाए। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया कि कोई भी दवा तभी स्टॉक में ली जाती है जब वह एनएबीएल प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण के बाद पास होती है।

स्वास्थ्य मंत्री की चेतावनी

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने CGMSC की समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा था कि दवा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। आम जनता की सेहत सर्वोपरि है, और हर खेप की जांच सख्ती से की जाएगी।