बिजनेस रेल के किराए में बढ़ोत्तरी से लेकर क्रेडिट कार्ड और रेलवे टिकट बुकिंग तक, आज से लागू हो रहे कई बदलाव

बिजनेस  रेल के किराए में बढ़ोत्तरी से लेकर क्रेडिट कार्ड और रेलवे टिकट बुकिंग तक, आज से लागू हो रहे कई बदलाव

नई दिल्ली।  1 जुलाई से कई नियमों में बदलाव हो रहा है जिसका सीधे असर जेब पर पड़ सकता है। 

जीएसटी में गलतियों पर कार्रवाई

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी या गलतियों पर सख्त कार्रवाई होगी। जीएसटीआर-3बी फॉर्म बिना संशोधन वाला होगा। यानी इसमें टैक्स विवरण जीएसटीआर-1, 1ए से स्वतः भर जाएगा और करदाता खुद संशोधित नहीं कर सकेंगे। बदलाव कर व्यवस्था में पारदर्शिता के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है।

एटीएम और क्रेडिट कार्ड शुल्क में बदलाव

कोटक, आईसीआईसीआई, एक्सिस और एचडीएफसी सहित कई बैंकों ने बचत खाते की ब्याज दरों, एटीएम से तय समय से ज्यादा मासिक निकासी पर ज्यादा शुल्क और क्रेडिट कार्ड की फीस में बदलाव किए हैं। इससे ग्राहकों की जेब पर असर होगा।

ट्रेन टिकट के दाम बढ़े

नॉन एसी के टिकट के दाम प्रति किलोमीटर एक पैसे व एसी क्लास के दो पैसे बढ़ाए गए हैं। वृद्धि 1,000 किमी से ज्यादा दूरी पर लागू होगी। द्वितीय श्रेणी में 500 किमी तक यात्रा के लिए कीमतों में बदलाव नहीं होगा। यात्रा 500 किमी से अधिक है तो प्रति किमी 0.5 पैसा अतिरिक्त देना होगा।

तत्काल टिकट के लिए आधार कार्ड जरूरी

अब तत्काल टिकट सिर्फ उन्हीं यात्रियों को मिलेगा, जिनका आईआरसीटीसी अकाउंट आधार से लिंक है। जुलाई से ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण जरूरी होगा, जो आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर आएगा। रेलवे एजेंट तत्काल बुकिंग शुरू होने के पहले 30 मिनट तक टिकट नहीं बुक कर पाएंगे।

पैन कार्ड बनवाने आधारकार्ड जरूरी

पैन कार्ड के लिए आवेदन करने पर अब आधार कार्ड अनिवार्य होगा। आधार नहीं है, तो पैन कार्ड नहीं बनवा सकेंगे। जिनके पास पहले से पैन कार्ड है, उन्हें भी 31 दिसंबर, 2025 तक पैन को आधार से लिंक कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर पैन एक जनवरी, 2026 से निष्क्रिय हो जाएगा।

ब्याज दरें

लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की घोषणा 30 जून को होगी। इसमें कोई बदलाव होता है तो एक जुलाई से 30 सितंबर तक लागू रहेगा। इस बार ब्याज दर में कमी की संभावना है, क्योंकि आरबीआई ने रेपो दर में कुल एक फीसदी की कटौती की है।

रिटर्न फाइन करने की समय सीमा बढ़ी
 आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर की गई है। वेतनभोगी व्यक्तियों को रिटर्न भरने के लिए और 46 दिन मिलेंगे। हालांकि, 15 सितंबर तक इंतजार करने के बजाय तुरंत प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।